प्रदूषण पर निबंध
(1) प्रस्तावना – प्रदूषण का अर्थ हमारे चारों तरफ के दूषित वातावरण से है । अर्थात प्रदूषण ही हमारे प्राकृतिक वातावरण को दूषित करता है । प्रदूषण तब होता है। जब जल ,वायु तथा मृदा में कुछ ऐसे अवांछनीय तत्व धुलकर इन पर ऐसा असर डाले की जिनका मानव स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़े । तो इस प्रकार का दूषित वातावरण ही प्रदूषण कहलाता है।
(2)प्रदूषण के प्रकार – प्रदूषण मुख्यतः चार प्रकार का होता है :-
(१) वायु प्रदूषण :- वायु प्रदूषण दिन प्रति दिन बढ़ता ही जा रहा है जिसके प्रमुख कारण ,कारखानों तथा सडको पर चलने वाले वाहनों से निकलने वाला धुवा है जिसमें क्लोरो -फ्लोरो कार्बन ,कार्बन मोनो ऑक्साइड तथा कार्बन डाई ऑक्साइड जैसी आदि खतरनाक गैसें निकलती हैं। जो की वायुमंडल को बहुत नुकसान पहुचाती हैं। अर्थात इन्ही गैसों से वायु प्रदूषण होता है। जिससे हमारी सेहत पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है ।जिससे दमा व खसरा जैसी बीमारियां उत्पन्न होती हैं।
(२) जल प्रदूषण :- हमारे घरों व कल-कारखानों से निकलने वाला जल जब नदियों में जाता जाता है तथा कारखानों से निकला कूड़ा नदियों में डाल दिया जाता है जिससे की नदियों का जल दूषित हो जाता है। और इन्ही कारणों से जल प्रदूषण होता है।जिससे की मानव के साथ-साथ सभी प्रकार के जीव-जंतुओं पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है।
(३) मृदा प्रदूषण- प्राचीन समय में मनुष्य अपनी खेती में गोबर खाद के अलावा किसी भी खाद का प्रयोग नहीं करता था परंतु इसके विपरीत आज के समय में लोग अधिक से अधिक उर्वरको व कीटनाशकों का प्रयोग करते हैं जिससे की मृदा प्रदूषण होता है।इसके अलावा खेतो में पॉलीथीन तथा आदि प्रकार का कूड़ा दबाने से भी मृदा प्रदूषण होता है। और इस दूषित मृदा (मिटटी) में उपजे अनाज को खाने से मानव सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
(४) ध्वनि प्रदूषण :- मनुष्य के सुनने की एक क्षमता होती है जिससे ऊपर की आवाज का मनुष्य के कानो तथा मस्तिस्क पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ता है। जो की मशीनों तथा ऑटोमोबाइल की तीव्र ध्वनि से होता है ।जिसे ध्वनि प्रदूषण कहते हैं ।
(3) प्रदूषण से बचाव :- हमें पर्यावरणी प्रदूषणों को रोकने के लिए पेड़ो को काटने के वजाय अधिक से अधिक पौधे लगाने चाहिए । और हमें किसी भी तरह का कूड़ा व कचरा नदियों तथा खुले में नहीं फेकना चाहिए तथा किसानों को खेती में अधिक से अधिक गोबर खाद का ही उपयोग करना चाहिए । और पॉलीथीन जैसी अन्य छिजों को जमीन के अंदर नहीं दबाना चिये।हमें अपने प्राकृतिक पर्यावरण को दूषित होने से बचाने के लिए अधिक से अधिक सावधानिया बरतनी होंगी।
(4) निष्कर्ष – प्रदूषण को रोकना बहुत ही अहम् हो गया है।प्रदूषण हमारे लिए बहुत ही चिंताजनक है ।यदि इसको समय से न रोका तो यह दिन प्रति दिन बढ़ाता जायेगा और भविष्य में नुकसानदायक हो सकता है अर्थात हमें अपने कर्तव्यों का पालन करना चाहिये। जिससे के हमारा पर्यावरण दूषित होने से बच सके।
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