प्रस्तावना -यह समस्या बहुत गंभीर है। आजकल पढ़े -लिखे युवक भी बेरोजगारी के कारण परेशान हैं। सभी नौकरी की तलाश में दौड़ रहे हैं।
बेरोजगारी का अर्थ -बेरोजगारी एक ऐसी सिथति है जिसमें एक योग्य व्यक्ति जीविका चलाने हेतु कार्य माँगता हो फिर भी न मिल रही हो।
एक समस्या -यह एक ऐसी घातक समस्या है जिसके कारण पूरे देश का आर्थिक ढाँचा बिगड़ जाता है। जिससे अनेक समस्याओं का जन्म होता है।
एक अभिशाप -बेरोजगारी एक ऐसा विष है जो देश के हर पहलु को विष से भर देता है। जिससे निर्धनता, भुखमरी, मानसिक अशान्ति फैलती है, जो समाज के लिए कलंक है।
बेरोजगारी के कारण -इसके मुख्य कारण निम्न है –
जनसंख्या में वृद्धि -यह बेरोजगारी का मुख्य कारण है। देश की जनसंख्या इतनी अधिक है कि इस दर से बेरोजगार व्यक्ति के लिए रोजगार उपलब्ध नहीं है।
दोषपूर्ण शिक्षा -हमारे देश की शिक्षा प्रणाली दोषपूर्ण है। इसमे पुस्तकीय बाते तो बहुत है पर व्यवहारिक बाते नहीं है। यह रोजगार प्रदान नहीं करेगा।
कृषि का पिछड़ापन -हमारे देश में लगभग आधी से ज्यादा जनता कृषि पर निर्भर है। और कृषि पिछडी हुई दशा में है।
कुशल व्यक्तियो की कमी -इस देश में कुशल व्यक्तियो का अभाव है। जिसमे उद्धौग को चलाने के लिए विदेश से कर्मचारी बुलाने पडते है। यही कारण है कि कम शिक्षित व्यक्ति बेकार हो जाते है।
अविकसित सामाजिक दशा– जाति – प्रथा, बाल -विवाह, विधवा -विवाह और सामाजिक असमानताएँ भी बेरोजगारी को बढ़ावा दे रही है। जिसके कारण बेरोजगारी में वृद्धि हो रही है। बेरोजगारी की समस्या का समाधान –(1)जनसंख्या वृध्दि पर नियंत्रण, (2)शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन, (3)उधौग का विकास, (4)औधौगिक विकास, (5)सामाजिक परिवर्तन, (6)राष्ट-निमार्ण के विविध कार्य, (7)रोजगार कार्यक्रमों का विस्तार ।
उपसंहार -हमारे देश की सरकार बेरोजगारी की समस्या के समाधान के लिए भरसक प्रयास कर रही है। और अनेक कदम भी उठाये है। हमारे देश में जो संसाधन उपलब्ध है उनसे भी इसका सामाधान खोजा जा सकता है और बेरोजगारी की समस्या को दूर करके देश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाया जा सकता है।
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