Mauryan Empire

मौर्य साम्राज्य (Mauryan Empire)

 Mauryan Empire- मौर्य साम्राज्य ( Mauryan Empire) को मगध साम्राज्य भी कहा जाता है। मगध पर शासन करने वाला प्रथम शासक वृद्धृत था। इसका पुत्र जरासंध था जो महाभारत काल के समय मगध का राजा था।

Mauryan Empire

1.हर्यक वंश – यह वंश 544-412 तक रहा। इस वंश में अनेक शासकों ने शासन किया जो इस प्रकार है –

क)बिम्बिसार – यह हर्यक वंश का संस्थापक था। इसकी राजधानी राजगृह थी। बिम्बिसार ने अपने राजवैद्य जीवक को गौतम बुद्ध कि सेवा में भेजा था। बिम्बिसार बौद्ध धर्म का अनुयाई था। 52 वर्ष शासन करने के बाद इसके पुत्र अज्ञात शत्रु ने इसकी हत्या कर दी।

ख)अज्ञात शत्रु – अज्ञात शत्रु को कुड़िक नाम से भी जाना जाता है। इसने वैशाली पर अधिकार किया। अज्ञात शत्रु ने पाटलिपुत्र की स्थापना की और इसे नई राजधानी के रूप में बनाया।

2.शिशु नाग वंश – यह वंश 412- 344 तक रहा। इस वंश में निम्न शासकों ने शासन किया –

क)शिशु नाग – यह शिशु नाग वंश का संस्थापक था। यह हर्यक वंश के अंतिम शासक नागदशक का मंत्री था। इसकी राजधानी वैशाली थी।

ख)कालाशौक – इसे काक वर्ड नाम से भी जाना जाता था। इसके शासन काल में 483 में द्वितीय बौद्ध संगति हुई थी।

3.नंद वंश – यह वंश 344 से 322 तक रहा। इस वंश के प्रमुख शासन निम्न थे –

क)महापद्म नंद – यह नंद वंश का संस्थापक था। यह शूद्र जाति का प्रथम शासक था। इसे एकराट की उपाधि प्राप्त थी।

ख)घनानंद – यह नंद वंश का अंतिम शासक था। यह अत्यंत निर्दयी व क्रूर शासक था। यह सिकंदर के समकालीन था। इसने भरे दरबार में आचार्य चाणक्य का अपमान किया। 322 में चंद्रगुप्त मौर्य ने घनानंद की हत्या कर दी।

4.मौर्य वंश – चंद्र गुप्त मौर्य मौर्य वंश का संस्थापक था। मौर्य वंश का शासन 322-184 तक रहा। इस वंश में निम्न शासकों ने शासन किया –

क)चंद्र गुप्त मौर्य – इसका शासन 322-298 तक रहा। इसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी। 322 में चंद्रगुप्त मौर्य और चाणक्य ने नंद वंश को समाप्त किया और मौर्य वंश की स्थापना की। चंद्रगुप्त मौर्य का सलाहकार चाणक्य था। चंद्रगुप्त मौर्य के शासन काल में मेगास्थनीज भारत आया था।

ख)बिंदुसार – बिंदुसार ने 298- 273 तक शासन किया। जैन ग्रंथों में बिंदुसार का नाम सिंहसेन मिलता है। इतिहासकार तारा नाथ के अनुसार बिंदुसार 16 युद्धों का विजेता था।

ग)अशोक – इसका शासनकाल 269- 232 तक रहा। इसका राज्याभिषेक 269 में हुआ। यह बिंदुसार का पुत्र था। इसने श्रीनगर की स्थापना की। अशोक ने आजीवकों के लिए चार गुफाओं का निर्माण करवाया।

5.शुंग वंश – यह वंश 184- 73 तक रहा। इस वंश का संस्थापक पुष्य मित्र शुंग था। यह वृहद्रध का मंत्री था। यह ब्राहमण जाति का था। इसकी राजधानी विदिशा थी।

6.कण्व वंश – यह 73- 60 तक रहा। इसके संस्थापक वासुदेव थे। इसका अंतिम शासक सुशर्मा था।

7.सातवाहन वंश – सातवाहन वंश का संस्थापक  सिमुक था। इसकी राजधानी वर्तमान महाराष्ट्र थी।

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