Vedic Period ( वैदिक काल)
Vedic Period ( वैदिक काल) – 1500 – 600 ईस्वी पूर्व के काल को वैदिक काल (Vedic Period) कहा जाता है। इस समय भारत में आर्यों ने शासन किया इसलिए इस सभ्यता को आर्य सभ्यता भी कहा जाता है। इतिहासकार मैक्समूलर के अनुसार आर्य मध्य एशिया से आए थे। आर्य शब्द का अर्थ श्रेष्ठ/ कुलीन होता है। आर्यों की भाषा संस्कृत थी। संस्कृत भारत की प्राचीन भाषा है। आर्य यातायात के लिए दो पहिये और चार पहिए वाली बैलगाड़ी का उपयोग करते थे। इनका मुख्य व्यवसाय पशुपालन और कृषि था। इनका प्रिय जानवर घोड़ा और पवित्र जानवर गाय थी।
वैदिक काल को मुख्य रूप से दो भागों में विभाजित किया गया है –
1. ऋग्वैदिक काल
2. उत्तर वैदिक काल
1.ऋग्वैदिक काल – 1500-1000 तक के काल को ऋग्वैदिक काल कहा जाता है। इसकी भौगोलिक स्थिति अफगानिस्तान से गंगाघाटी तक थी। वैदिक सभ्यता ग्रामीण सभ्यता थी। ऋग्वैदिक काल के प्रमुख देवता इंद्र थे। दश राज युद्ध की जानकारी भी ऋग्वैदिक काल से ही प्राप्त होती है। ऋग्वैदिक काल में ही पवित्र वेद ऋग्वेद लिखा गया। ऋग्वेद में सर्वाधिक बार सिंधु का उल्लेख ,यमुना का दो बार और गंगा का एक बार उल्लेख मिलता है। ऋग्वैदिक काल की पवित्र नदी सरस्वती है।ऋग्वैदिक काल कर्म/कार्य/ व्यवसाय के आधार पर चार भागों में बटा था –
क) ब्राह्मण
ख)क्षत्रिय
ग) वैश्य
घ) शूद्र
2.उत्तर वैदिक काल – 1000-600 तक के बीच के काल को उत्तर वैदिक काल कहा जाता है। इसकी भौगोलिक स्थिति पंजाब प्रांत से सदानीरा नदी तक थी। उत्तर वैदिक काल का समाज जन्म आधारित था। उत्तर वैदिक काल के प्रमुख देवता प्रजापति शिव थे। उत्तर वैदिक काल में लोहे का आविष्कार हुआ। इस काल में राजा ने बलि कर को अनिवार्य कर दिया था। उत्तर वैदिक काल में विवाह नहीं करने वाली महिलाओं को आमाजू कहा जाता था।
उत्तर वैदिक काल में 8 प्रकार के विवाह की जानकारी मिलती है जो इस प्रकार हैं –
ब्रह्म विवाह , देव विवाह, आर्य विवाह, प्रजापति विवाह, गन्धर्व विवाह , राक्षस विवाह, आसुर विवाह, पैशाच विवाह